andolan banam rajneeti

andolan banam rajneeti

Friday, April 20, 2012

किसी की ख़ामोशी को उसकी कमजोरी ना समझे क्युकी सबसे ज्यादा ख़ामोशी तूफ़ान में होती है और जब वो आता है तो सब कुछ तहस नहस हो जाता है ,.................

इन्सान की ये फितरत होती है की जब कोई उसकी गलत बात का विरोध नही करता या फिर उसका सताया हुआ उसके किये का जवाब ख़ामोशी से देता है तो वो उसे उसकी कमजोरी समझने लगता है ,उसे लगता है की सामने वाला उसके सामने कमजोर है इसलिए वो खामोश है पर सच तो ये है की ख़ामोशी सिर्फ दो ही लोग होते है या तो जो सच में कमजोर होते है या फिर जो अपने अन्दर ज्वालामुखी की तरह से अपना गुस्सा पालते रहते है पर कभी जाहिर नही करते क्युकी वो सही वक़्त का इन्तेजार करते है ,और गलत करने वाला इसी बात में खुश रहता है की खामोश रहने वाला कुछ नही कर सकता है पर शायद वो ये भूल जाता है की जो गुस्सा उसी समय निकल दिया जाता है या बोलकर जता  दिया जाता है उसे तो झेला जा सकता है पर जो गुस्सा दिल में समय के साथ बढता है वो जब बहार आता है तो बड़ी बड़ी हस्तिया मिटा देता है फिर चाहे उसके सामने कोई भी आ जाये वो किसी के रोके नही रुकता है इसलिए किसी के साथ कुछ गलत करने से पहले ये सोच लेना चाहिए की किसी को उतना ही सताओ जितना की वो सह ले क्युकी आपके अत्याचार की इन्तिहाँ किसी इन्सान को सुलगता हुआ ज्वालामुखी न बना दे और जब वो फूटे तो आपको पछतावे का वक़्त भी न मिल पाए ... 

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