andolan banam rajneeti

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Thursday, October 4, 2012

नमस्कार को टाटा खा गया, नूडल खा गया आटा !!
अंग्रेजी के चक्कर में हुआ बड़ा ही घाटा !!
बोलो धत्त तेरे की !!

माताजी को मम्मी खा गयी, पिता को खाया डैड !!
और दादाजी को ग्रैंडपा खा गये, सोचो कितना बैड !!
बोलो धत्त तेरे की !!

गुरुकुल को स्कूल खा गया, गुरु को खाया चेला !!
और सरस्वती की प्रतिमा पर आज उल्लू मारे ढेला !!
बोलो धत्त तेरे की !!

चौपालों को बियर बार खा गया, रिश्तों को खाया टी.वी. !!
और देख सीरियल लगा लिपिस्टिक बक-बक करती बीबी !!
बोलो धत्त तेरे की !!

रसगुल्ले को केक खा गया और दूध पी गया अंडा !!
और दातून को टूथपेस्ट खा गया, छाछ पी गया ठंडा !!
बोलो धत्त तेरे की !!

परंपरा को कल्चर खा गया, हिंदी को अंग्रेजी !!
और दूध-दही के बदले चाय पी कर बन गये हम सब लेजी !!
बोलो धत्त तेरे की !!

From - महेश दुबे "बनारसी सांड"

अपनी बिगड़ी हुई छवि को सुधारने के लिए अब केंद्र सरकार १०० करोड़ खर्च करके प्रचार प्रसार का कार्य सरकार की सकारात्मक छवि को जनता के बीचे बनाने के लिए करेगी ,यानि पहले जनता के पैसे खाओ ,डकार भी मत मारो और जब जनता आलोचना करे तो अपनी काली छवि को सफ़ेद चादर में लपेटने के लिए भी जनता के खून पसीने की कमाई को आग लगा दो ,वह क्या मैनजमेंट है हमारी सरकार का ,अब बताये मनमोहन जी की ये पैसे कहा से आ रहे है क्या दस जनपथ में पैसे का पेड़ लगा लिया है




क्या आपने कभी सुना है की अपनी मात्रभाषा बोलने वाले और विदेशी भाषा न जानने पर किसी को इतना अपमानित किया जाये की वो शर्मिंदगी से आत्महत्या कर ले ,कुछ ऐसा ही हुआ है मंदसौर के एक कॉलेज में एक शिक्षिका ने एक छात्र को अंग्रेजी न बोल पाने के कारन इतना अपमानित किया की उसने कॉलेज में ही जहर खा लिया और अपने जीवन का त्याग कर दिया ,ये है हमारा देश जहा हिंदी बोलने वाले की ये दुर्गति हो रही है और कितनी महान है वो शिक्षिका जो देश के भविष्य की नही बल्कि अंग्रेजो की अंग्रेजी की परवरिश के लिए नियुक्त की गयी है ,अब हिंदी दिवस मानते रहिये और इसी तरह से हिंदी बोलने वालो का बुरा हश्र करवाते रहिये